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नमस्कार। यह मेरी स्वरचित कविता है जिसका शीर्षक 'कलम: इस दुनिया की चालक'।

  • Writer: Vaachi Dixit
    Vaachi Dixit
  • Jan 17, 2021
  • 1 min read

कविता का शीर्षक: कलम: इस दुनिया की चालक कलम एक ऐसी अमूल्य वस्तु, जो इस दुनिया को है चलाती, और हमारे जीवन को पूरा बनाती। क़लम होती ना तो इस दुनिया में होता ना ज्ञान, और फिर होता अज्ञान का राज़। कलम होती ना हो तो वेद और शास्त्र ना होते, और फिर महान लोगों के कर्म से और उनसे मिलने वाली सीख से परिचित ना होते। कलम होती ना तो होती ना भाषाएं, और फिर एक दूसरे की भावनाएं कैसे समझ पाएं। कलम होती ना तो रोज़गार ना होता, और फिर दुनियाभर बेरोजगारी के चपेट में होता। कलम होती ना तो कैसे होती प्रोद्योगिकी, और फिर हम ना खोज पाते जो बढ़ाते शान इस दुनिया की। कलम; ना होती तो अदालत में न्याय का निर्णय ना होता, और फिर बेकसूर न्याय की भीक मांगते रेह जाता। कलम ना होती तो गलत फहमियां शांति से नही सुलझ पाती, और फिर सुलझती बाते दूसरो के खून पर। और अगर कलम ना होती, तो क्या मैं यह कविता लिख पाती। वाची दीक्षित आठवीं:ई


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